तकनीकी संकेतकों का सबसे बढ़िया संयोजन

तकनीकी संकेतकों को समझना और उनका सबसे अच्छा संयोजन खोजने से आपके चार्ट पढ़ने के कौशल में काफी सुधार हो सकता है। साथ ही, तकनीकी संकेतकों का गलत तरीके से उपयोग करना गलत संकेत और प्रतिकूल ट्रेडिंग निर्णयों की ओर ले जा सकता है। हमने तकनीकी संकेतकों को सावधानीपूर्वक संकलित किया है जो आपको प्रभावी ट्रेडिंग प्रदान करेंगे।

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तकनीकी संकेतकों का उपयोग क्यों करें?

तकनीकी संकेतक वर्तमान मूल्य प्रवृत्तियों की पहचान करने और अनुमान लगाने में मदद करते हैं कि एसेट की कीमतें किस ओर बढ़ सकती हैं। प्रभावी तकनीकी विश्लेषण और ट्रेडिंग रणनीतियाँ आपके प्रतिदिन ट्रेडिंग से अर्जित की गई राशि को बढ़ा सकती हैं। हालाँकि, भले ही सभी तकनीकी संकेतक सहायक हों, इन सभी में अपनी कुछ कमजोरियाँ भी हैं। यदि आप बाजार को मापने के लिए केवल एक ही संकेतक पर भरोसा करते हैं, तो आपके द्वारा विशिष्ट मूल्य रुझान (या खतरे के संकेत) छूट सकते हैं।

एकल ट्रेडिंग रणनीति बनाने के लिए कई तकनीकी संकेतकों का संयोजन फंड्स को खोने के जोखिम को कम कर सकता है। नीचे, हम चर्चा करेंगे कि तकनीकी संकेतकों का सर्वोत्तम संयोजन कैसे बनाया जाए।

तकनीकी संकेतकों के प्रकार

कई संकेतकों का उपयोग करने वाली रणनीति में अनावश्यक होने का जोखिम होता है, क्योंकि कई बार, ट्रेडर्स ऐसे संकेतकों का उपयोग करते हैं जो समान प्रकार की जानकारी प्रदान करते हैं। इस भ्रम में फंसने से बचने के लिए, आपको यह समझना होगा कि सभी तकनीकी संकेतकों को तीन समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है, जो इस प्रकार है:

  • ट्रेंड-फॉलोइंग इंडिकेटर आपको यह निर्धारित करने की अनुमति देते हैं कि कोई एसेट अधिविक्रीत (ओवरसोल्ड) है या अधिक्रीत (ओवरबॉट) है। कई रुझानों के अनुसार चलने वाले संकेतक (उदाहरण के लिए, बोलिंगर बैंड) एक स्पष्ट “मार्ग” बनाने का प्रयास करते हैं। यह आपको बताता है कि कीमतें टूटने वाली हैं या सामान्य पर लौटने वाली हैं।
  • मोमेंटम इंडिकेटर (उदाहरण के लिए, रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स या RSI) आपको मौजूदा मूल्य रुझान की ताकत और दिशा निर्धारित करने की अनुमति देते हैं। एक एसेट जितनी अधिक गति का निर्माण करता है, उतना ही ट्रेड खोलने का जोखिम कम हो जाता है। मूविंग एवरेज इंडिकेटर्स का उपयोग करने से आपको गति का अनुमान लगाने में भी मदद मिल सकती है।
  • वॉल्यूम इंडिकेटर मूल्य और मात्रा के बीच संबंध की पहचान करने में आपकी सहायता करते हैं। ट्रेडिंग वॉल्यूम में स्पाइक्स लगभग अनिवार्य रूप से कीमतों में वृद्धि का कारण बनते हैं। हालाँकि, जरूरी नहीं है कि ये घटनाएँ हमेशा एक ही समय में घटित हों। यही कारण है कि उन्नत भविष्यवाणी के लिए वॉल्यूम संकेतक बहुत बढ़िया टूल हैं। मनी फ्लो और ऑन बैलेंस वॉल्यूम (OBV) दो सबसे उपयोगी वॉल्यूम संकेतक हैं।
मूल प्रवृत्ति संकेतक: एमए (मूविंग एवरेज) क्या है?

आप देख सकते हैं कि इन संकेतकों को चाहे इस तरह से वर्गीकृत किया गया है, फिर भी वे सभी एक ही बात की भविष्यवाणी करने की कोशिश कर रहे हैं: क्या कीमतें घटेंगी, बढ़ेंगी या स्थिर रहेंगी। हालाँकि, यह सभी एक अद्वितीय कोण के प्रयोग से ऐसा करते हैं। इसलिए, कई संकेतकों का उपयोग करना और बाजार को कई कोणों से देखना आपको अधिक सटीक, कार्रवाई योग्य और यथार्थवादी परिप्रेक्ष्य दे सकता है।

संकेतकों का उपयोग कैसे ना करें का उदाहरण

यदि आप MACD, RSI और स्टोचैस्टिक संकेतकों का उपयोग करने वाली बहु-संकेतक रणनीति का उपयोग करते हुए ट्रेड करते हैं, तो आप एक ही श्रेणी से संबंधित तीन प्रकार के तकनीकी संकेतकों का उपयोग कर रहे हैं। ये सभी गति संकेतक (मोमेंटम इंडिकेटर) हैं जो एक ही तरह की जानकारी को किसी एक या दूसरे तरीके से प्रदर्शित करेंगे। ऊपर दिए गए चित्र में, आप देख सकते हैं कि कैसे ये सभी संकेतक एक साथ एक दूसरे का अनुसरण करते हैं।

तो, एक ही तरह के तकनीकी संकेतकों का उपयोग करने में समस्या यह है कि आप इस गलत निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि ट्रेडिंग संकेत मजबूत हैं यदि ये सभी संकेतक एक ही दिशा में इंगित करते हैं।

इस समस्या से बचने का उपाय काफी आसान है। एक ही श्रेणी के कई तकनीकी संकेतकों का उपयोग करने से बचें क्योंकि वे सभी एक ही जानकारी प्रदर्शित करते हैं। एकाधिक संकेतकों की आदर्श रणनीति विभिन्न प्रकार की जानकारी दिखाने वाले संकेतकों को जोड़ती है।

ट्रेडिंग रणनीति के लिए सबसे बढ़िया संकेतक 

आगे बढ़ते हुए, हम उन संकेतकों पर प्रकाश डालेंगे जिनका उपयोग आप सर्वोत्तम ट्रेडिंग रणनीति के लिए कर सकते हैं। मोमेंटम इंडिकेटर, वॉल्यूम इंडिकेटर और ट्रेंड-फॉलोइंग इंडिकेटर, इन तीनों के एक-एक इंडिकेटर यानि संकेतक को मिलाएँ। यह सभी एक दूसरे के सम्पूरक हैं और समर्थन करते हैं।

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RSI (मोमेंटम इंडिकेटर)

रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स, या RSI, दो काम करते हैं। यह एक ही समय में प्रमुख संकेतक और साथ ही गति संकेतक भी हैं। ट्रेडर आमतौर पर RSI संकेतक का उपयोग इसलिए करते हैं क्योंकि इसका उपयोग करना आसान है। यह बाजार में संभावित रूप से अधिविक्रीत और अधिक्रीत स्थितियों की पहचान करने में मदद करते हैं।

OBV (वॉल्यूम इंडिकेटर)

मारी रणनीति में दूसरा संकेतक ऑन बैलेंस वॉल्यूम या OBV है। OBV संकेतक इस विचार का उपयोग करता है कि मात्रा और मूल्य दोनों की ही गतिविधि महत्वपूर्ण है। इसके साथ, OBV मूल्य और मात्रा को जोड़ता है ताकि बाजार से बाहर जाने वाले और बाजार में आने वाले फंड्स की कुल राशि का वर्णन किया जा सके।

ऑन बैलेंस वॉल्यूम इंडिकेटर की मुख्य अवधारणा इस तथ्य पर आधारित है कि बाजार का मूल्य मात्रा के प्रवाह का पीछा करेगा जहाँ कहीं भी वो जाती है।

बोलिंगर बैंड (ट्रेंड-फॉलोइंग इंडिकेटर)

बोलिंगर बैंड सबसे अच्छे रुझान के पीछे चलने वाले संकेतकों में से एक है जो किसी भी बाजार की अस्थिरता को मापता है। इन सभी संकेतकों का उपयोग करने के बाद आपका चार्ट का सेटअप ऊपर दिए चार्ट के जैसा दिखना चाहिए।

प्रत्येक शुरुआती ट्रेडर के लिए शीर्ष 5 ट्रेडिंग संकेतक (इंडीकेटर्स)

आइए पीछा करना बंद करें और देखें कि आप कैसे कई तकनीकी संकेतकों का उपयोग करके कुशलता से ट्रेडिंग कर सकते हैं और लगातार स्मार्ट तरीके से लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

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एक बहु-संकेतक रणनीति का उपयोग करके ट्रेडिंग

प्रभावी ढंग से ट्रेडिंग करने के लिए तीन तकनीकी संकेतकों का उपयोग करें। ये संकेतक रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स, ऑन बैलेंस वॉल्यूम और बोलिंगर बैंड हैं। एक साथ, वे ट्रेड की गति, रुझान और मात्रा के पहलुओं पर विचार करते हैं, जिस पर सभी ट्रेडरों को ध्यान देने की आवश्यकता होती है।

इस लेख के लिए, हम खरीदने वाले पक्ष को देखेंगे।

नोट! इस रणनीति का उपयोग किसी भी समय सीमा पर किया जा सकता है, इसलिए इसे अपनी पसंदीदा समय सीमा पर लागू करें।

चरण # 1: एक ऐसा मूल्य खोजें जो मध्य बोलिंगर बैंड के ऊपर टूटता और बंद होता है

हमें जिस पहली ट्रेड पुष्टि की आवश्यकता है वह कीमत के मध्य बोलिंगर बैंड के ऊपर टूटने और बंद होने की है। एक बार जब इस ट्रेड की स्थिति पूरी हो जाती है, तो हम संकेत की पुष्टि करने के लिए अन्य संकेतकों का उपयोग कर सकते हैं।

चरण #2: RSI के 50 के स्तर से ऊपर जाने की प्रतीक्षा करें

इस चरण में, हमें बोलिंगर बेंड्स और RSI के मूल्यों के बीच में सहमत होना जरूरी है। यदि चाल के पीछे गति हो तो ब्रेकआउट की पुष्टि की जा सकती है।

आम तौर पर, 50 के स्तर से अधिक के RSI मान को सकारात्मक गति माना जाता है, जबकि 50 के स्तर से कम के RSI को नकारात्मक गति माना जाता है।

नोट! RSI 50 के स्तर के ऊपर उसी समय नहीं जाएगा जब मूल्य BB को मध्य से तोड़ता है। कभी-कभी हमें बुलिश मोमेंटम के दिखने तक का थोड़ा ज्यादा इंतजार करना पड़ सकता है।

चरण #3: OBV के उठने का इंतजार करें

एक बार फिर, ट्रेड खोलने की आखिरी स्तिथि को समझना आसान है। इस के लिए, हम सबूत माँगते हैं कि हम जो लेन-देन करना चाहते हैं, उसमें वास्तविक क्रय शक्ति है। हम देख सकते हैं कि असली वॉल्यूम बाद में दिखाई देता है। किसी ट्रेड में प्रवेश करने और UP (कीमत बढ़ जाएगी) को दबाने से पहले धैर्य रखना और सही ट्रेडिंग स्थितियों के पूरी तरह से आने की प्रतीक्षा करना महत्वपूर्ण है।

ऊपर कई तकनीकी संकेतकों का उपयोग करके UP ट्रेड का एक उदाहरण दिया गया है। आप DOWN ट्रेड के लिए इसी के समान नियमों का उपयोग कर सकते हैं लेकिन विपरीत मानदंड के साथ।

निष्कर्ष

प्रत्येक तकनीकी संकेतक को समझने के लिए आपको समय और प्रयास लगाना चाहिए। कोई संकेतक 100% जीत की गारंटी नहीं देता है, इसलिए परियों की कहानियों का पीछा करने की कोशिश ना करें। कोई भी निश्चित रूप से बाजार की भविष्यवाणी नहीं कर सकता है।

हालाँकि, यदि आप तकनीकी संकेतकों के इस संयोजन का पालन करते हैं, तो आप अपने ट्रेड की दक्षता बढ़ा सकते हैं। याद रखें कि सभी संकेतक पिछली कीमतों पर आधारित होते हैं, इसलिए केवल एक बहु-संकेतक रणनीति ही आपको यह भविष्यवाणी करने कि आगे क्या हो सकता है में मदद कर सकती है।

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